हरियाणा में फिर हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई तीव्रता
हरियाणा में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं यह भूकंप देर रात आया जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई है। इसका केंद्र पानीपत रीजन बताया जा रहा है पानीपत रीजन में बुधवार देर रात 12.38.07 बजे भूकंप आया था इसका केंद्र जमीन के अंदर 5 किलोमीटर गहराई में था बीते एक महीने में हरियाणा में यह दूसरा भूकंप है इससे पहले 26 नवंबर को भी हरियाणा में भूकंप आया था इस भूकंप का केंद्र सोनीपत था।
इससे पहले भी 26 नवंबर को हरियाणा में एक बार फिर भूकंप आया था, और इस भूकंप का केंद्र सोनीपत था, लेकिन भूकंप की तीव्रता 3.0 ही थी। एनसीएस के मुताबिक, इन झटकों को सुबह चार बजे के आसपास महसूस किया गया था। और इस भूकंप का केंद्र भी 5 किलोमीटर की गहराई में था।
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
भूकंप जब भूमि की तंत्रिका चंद्रकोण में स्थिति में बदलती है तो उत्पन्न होता है। यह तंत्रिका चंद्रकोण जगह के तत्वों के बीच गतिशीलता के कारण आती है, जिससे भूमि के भीतर दबाव में बदलाव होता है। जब यह दबाव अधिक होता है और तंत्रिका चंद्रकोण तोड़ देता है, तो भूकंप होता है।
भूकंप का कारण विभिन्न हो सकता है, जैसे तंत्रिका चंद्रकोण की दृढ़ता में परिवर्तन, तटस्थ क्षेत्रों में तटस्थ स्थिति के बदलाव, या तंत्रिका चंद्रकोण में तंतु-भूमि संबंध के कारण भी हो सकता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता को सीस्मोग्राफ द्वारा मापा जाता है। सीस्मोग्राफ एक यंत्र होता है जो भूकंप के समय भूमि के उच्चारित हलचल को रिकॉर्ड करता है। यह उपकरण तीव्रता, स्थान, और समय के साथ भूकंप की जानकारी प्रदान करता है।
तीव्रता का माप रिकॉर्ड किए गए विभिन्न समय स्थलों पर होता है और इसे सीस्मोग्राफिक स्केल पर दर्शाया जाता है। यह स्केल आमतौर पर लॉगारिद्मिक होती है, जिससे तीव्रता के विभिन्न स्तरों को अभिव्यक्त करना सरल होता है।
इस तरह, सीस्मोग्राफ भूकंप की तीव्रता का मापन करने में मदद करता है और इसे वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उपयोगी बनाता है।
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