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Earned Rs 1,163 crore by selling junk

Modi सरकार ने कबाड़ बेचकर की 1,163 करोड़ की कमाई, दो चंद्रयान 3 मिशन के बजट जितना पैसा हुआ इकट्ठा

स्वच्छता अभियान 3.0 में सभी सरकारी दफ्तरों के कबाड़ को बेचा गया। इसमें पुरानी फाइलों से लेकर, खराब इक्विपमेंट्स और मशीनें शामिल हैं। करोड़ों की कमाई इससे सरकार को हुई। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इसकी मदद से लाखों स्क्वॉयर फीट एरिया भी खाली करने में मदद मिली।
केंद्र की मोदी सरकार ने केवल कबाड़ बेचकर ही करीब 1200 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. कबाड़ बेचकर हुई यह कमाई इतनी अधिक है कि इतने में तो भारत दो बार चंद्रयान-3 को चांद पर भेज सकता था. जी हां, चंद्रमा पर भारत के सफल चंद्रयान-3 मिशन की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये थी. आप विश्वास करें या न करें, नरेंद्र मोदी सरकार कबाड़ मसलन फाइलें, खराब हो चुके कार्यालय उपकरण और अप्रचलित वाहनों को बेचकर ऐसे दो चंद्रयान मिशनों को अच्छी तरह से स्पॉन्सर्ड यानी वित्त पोषित कर सकती थी.

 नरेंद्र मोदी सरकार ने कबाड़ जैसी फाइलें, खराब हो चुके ऑफिस उपकरण और पुराने वाहनों को बेचकर ऐसे दो मिशनों की लागत के बराबर पैसा इकट्ठा कर लिया है। जी हां, अक्टूबर 2021 से अब तक स्क्रैप बेचकर लगभग 1,163 करोड़ रुपये कमाए गए हैं। इस साल अकेले सिर्फ अक्टूबर में 557 करोड़ रुपये की आमदनी सरकार को हुई.
साल भर में मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर इतने पैसे कमाए हैं कि सुनकर ही होश उड़ जाएं. हर साल इसी तरह सरकारी विभाग पुरानी चीजों, फाइलों और कागजों को बेचकर कमाई करती हैं. बता दें कि भारत की नई संसद को बनाने में 836 करोड़ रुपये का खर्च आया है. वहीं, भारत सरकार ने सिर्फ कबाड़ बेचकर 1163 करोड़ रुपये की जबरदस्त कमाई की है. इतने पैसे कमाने के लिए सरकार ने पुरानी फाइलें, पुरानी गाड़ियां, ऑफिस के पुराने और खराब हो चुके उपकरण और कुछ फर्नीचर भी बेचे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2021 से लेकर अभी तक मोदी सरकार ने 1163 करोड़ रुपये कमाए हैं. इसमें से अक्टूबर में ही 557 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है. डिजिटल होती दुनिया में पुरानी फाइलें जमकर हटाई गई हैं. इसी तरह की 96 लाख फाइलों को डिजिटल करने के बाद उन्हें कबाड़ में बेच दिया गया है. इससे न सिर्फ कमाई हुई है बल्कि सरकारी दफ्तरों में 355 लाख वर्ग फुट जगह भी खाली हुई है.
 

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